Navgrah Shanti Kaise Kare? Graho Ki Mazbooti Ke Liye Kya Upay Kare? Nav Grah Dosh Ke Kya Lakshan Hai? 9 Grah Shanti Ke Liye Kya Kare? Surya, Chandrama, Mangal, Budh, Guru, Shukra, Shani, Rahu, Ketu Ki Shanti Kaise Kare? ग्रहों के हिसाब से हमारी आयु लगभग 130 वर्ष है। इसलिए ना चाहते हुए भी कोई ना कोई ग्रह हमारे ऊपर लगा ही रहता है। इससे हम बच नहीं सकते।
अगर कोई गृह हमे शुभ परिणाम देने वाला है तो अच्छा होगा और अगर दुष्परिणाम देने वाला है तो यकीनन उसके दुष्परिणाम आपको मिलेंगे ही मिलेंगे। आखिर क्या है नवग्रह दोष के लक्षणगृह दोष होने परव्यक्ति के जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आती ही चली जाती हैं और उसे पता भी नहीं चलता इसकी वजह क्या है। वह या तो अपनी फूटी किस्मत को दोष देता है या भगवान को/
असल में होता यह है कि हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के कारण ही इस जन्म में हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति इस से प्रकार से होती है जिसके फलस्वरुप हमें ग्रहों के ऐसे अशुभ परिणाम मिलते हैं, जैसे बनते बनते काम बिगड़ जाना, शादी विवाह में विलंब, दुश्मन परेशान करते हो, अचानक ही वाद विवाद उत्पन्न होना, ग्रह कलेश, संतानोत्पत्ति में देरी, बच्चों का विकास ठीक तरह से ना होना, कारोबार में लगातार धनहानि होना।
अगर कोई गृह हमे शुभ परिणाम देने वाला है तो अच्छा होगा और अगर दुष्परिणाम देने वाला है तो यकीनन उसके दुष्परिणाम आपको मिलेंगे ही मिलेंगे। आखिर क्या है नवग्रह दोष के लक्षणगृह दोष होने परव्यक्ति के जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आती ही चली जाती हैं और उसे पता भी नहीं चलता इसकी वजह क्या है। वह या तो अपनी फूटी किस्मत को दोष देता है या भगवान को/
असल में होता यह है कि हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के कारण ही इस जन्म में हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति इस से प्रकार से होती है जिसके फलस्वरुप हमें ग्रहों के ऐसे अशुभ परिणाम मिलते हैं, जैसे बनते बनते काम बिगड़ जाना, शादी विवाह में विलंब, दुश्मन परेशान करते हो, अचानक ही वाद विवाद उत्पन्न होना, ग्रह कलेश, संतानोत्पत्ति में देरी, बच्चों का विकास ठीक तरह से ना होना, कारोबार में लगातार धनहानि होना।
शारीरिक और मानसिक परेशानी बने रहना, स्वास्थ्य का ठीक न रहना, पेट में परेशानियां होना अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है तो जान लीजिए कि आप भी नवग्रह दोष से पीड़ित हैं। तो आइए आज मैं आपको इन नौ ग्रहों के दोष और इनसे बचने के उपाय आपको बताता हूं जिन्हें अपनाकर आप भी ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
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सूर्य ग्रह के दोष - शांति के उपाय
सूर्य ग्रहो का राजा है। अगर कुंडली में यह नीच का हे या इसकी स्तिथि खराब है तो व्यक्ति को असाध्य रोगों की वजह से परेशानी होना, सिर दर्द, बुखार, नेत्र संबंधी रोग, नौकरी में बाधा होना, नौकरी में प्रमोशन न होना ,अगर व्यापार है तो सरकारी टैक्स संबंधी परेशानियां होना। इसके लिए निम्न उपाय करने चाहिए।
सूर्य दोष के 10 उपाय
1- कोई भी कार्य करने से पहले गुड़ खाकर पानी पिए।
2- बहते हुए जल में ढाई सौ ग्राम गुड प्रवाहित करें।
3- सवा 5 रत्ती का माणिक ताम्बे की अंगूठी में बनवाकर रविवार के दिन दायें हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें।
4- घर के दक्षिणी कमरे में हमेशा अँधेरा रखें।
5- घर में दादा दादी की सेवा करें उनका आशीर्वाद लें।
6- पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करें।
7- भगवन विष्णु की पूजा आराधना करें।
8- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
9- सुबह सूर्योदय होते ही सुरदेव को जल दें।
10- सूर्य देव के मंत्र का भी जाप करें।
चंद्र गृह के दोष - शांति के उपाय
चन्द्रमा मनसो जातः अर्थात चन्द्रमा मन का स्वामी हे। इसकी खराब इस्थिति से हमें सर्दी जुखाम, पेट में परेशानी, घर में पशु पक्षीयो की मृत्यु होना, धनहानि, शत्रुओ का बढ़ना, मानसिक अशांति आदि समस्याएं होती हैँ,इसके लिए ये उपाय करें।
चंद्रमा के दोष के 10 उपाय
1- सोमवार को सफ़ेद कपडे में मिश्री बांधकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
2- चाँदी की अंगूठी में सवा चार रत्ती का मोती दायें हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करें।
3- शीशे के गिलास में दूध पानी पिने से परहेज़ करें।
4- लाल रंग का रुमाल जेब में रखें।
5- 28 वर्ष के होने पर ही विवाह करें।
6- अपने बुजुर्गों, ब्राह्मणों, गुरूओं का आशीर्वाद लें।
7- माता पिता की सेवा करें।
8- भगवन शिव की आराधना से विशेष लाभ।
9- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
10- सोमवार को माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगायें।
मंगल ग्रह के दोष - शांति के लिए उपाय
मंगल गृह को भूमिपुत्र भी कहा जाता हे। ये पराक्रम और वीरता का प्रतिक है। यह शरीर में रक्त का करक है। इसीलिए इसके दोष होने पर विवाह सम्बन्धी परेशानियाँ, रक्त सम्बन्धी परेशानिया, भूमि भवन सम्बन्धी परेशानियाँ, घर में चोरी होने का डर, भाई के साथ संबंधों में तनाव, दांपत्य जीवन में तनाव, अकाल मृत्यु की आशंका, घर परिवार में लड़ाई झगड़े की आशंका, एक्सीडेंटल प्रॉब्लम।
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मंगल ग्रह दोष १० उपाय
1- हनुमान जी की पूजा करें।
2- हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूं फट मंत्र का जाप करें।
3- हनुमान चालीसा बजरंग बाण का नित्य पाठ करें।
4- त्रिधातु की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण करने से भी लाभ मिलेगा।
5- दूध से धुले हुए 400 ग्राम चावल पवित्र जल में प्रवाहित करें 14 दिन तक।
6- अपने घर में नीम का पौधा लगाएं।
7- बहन बेटी बुआ मौसी साली को मीठा खिलाएं।
8- अपनी बहन बेटी बुआ और मौसी को कपड़े भेट दें।
9- कुत्तों को तंदूरी रोटी खिलाएं।
10- मसूर की दाल का दान करें।
बुध ग्रह के दोष - शांति के उपाय
बुद्ध को भी बुद्धि का स्वामी कहा गया है। ये सूर्य के सबसे निकटतम गृह हैं। बुध का सम्बन्ध दलाली और व्यापर क्षेत्र से है। इसके खराब होने पर व्यापर में घाटा ,रेलस्टेट बिज़निस में नुकसान,सिर दर्द, और अत्यधिक तनाव कारण परेशानी, दांत संबंधी रोग होना, जुए सट्टे के कारण धन हानि, स्वभाव में चिड़चिड़ापन।
बुध ग्रह के दोष के १० उपाय
1- दुर्गा माता की आराधना करें।
2- ओम एम हरीम कलीम चामुंडाए विच्चे मंत्र का रोज 5 माला जाप करें।
3- अपने घर के पूर्व दिशा में लाल झंडा लगाएं।
4- मां दुर्गा के मंदिर में अखंड ज्योत जलायें।
5- सोने के बने हुए आभूषण धारण करें।
6- हरे रंग की वस्तुओं से परहेज करें।
7- घर में खाली बर्तनों को ढक कर रखें।
8- चौड़े पत्ते वाले पौधे अपने घर में लगाएं।
9- 100 ग्राम चावल के साथ चने की दाल को बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
10- गाय को हरे रंग का चारा खिलाएं।
गुरु ग्रह के दोष - शांति के उपाय
गुरु (बृहस्पति) को सबसे बड़ा और प्रभावशाली गृह कहा गया है। अगर यह उच्च का हो तो व्यक्ति बहुत तरक्की करता है और अगर नीच का है तो जीवन नाश कर देता है जैसे उच्च शिक्षा की राह में बाधाएं आना, शिक्षा की समाप्ति, मान सम्मान की हानि, झूठे आरोप लगना, पिता को हानि होने की आशंका, सोने की हानि, चोरी की आशंका।
गुरु ग्रह दोष के १० उपाय
1- ब्रह्मा जी की उपासना करें।
2- बादाम तेल नारियल पानी में विसर्जित करें।
3- मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं।
4- सवा पांच रत्ती का पुखराज सोने में बनवाकर गुरुवार के दिन अपनी तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए।
5- पीपल के पेड़ पर सात बार धागा लपेटकर जल चढ़ाएं।
6- पूजा वाले स्थान की साफ सफाई रखें।
7- 600 ग्राम पीले चने मंदिर में दान दें।
8- शराब जुआ और मांस मदिरा से दूर रहें।
9- अगर भाई के साथ कारोबार कर रहे हैं तो उससे संबंध मधुर बना कर रखें।
10- गुरु का सम्मान और आशीर्वाद लें।
शुक्र ग्रह के दोष - शांति के उपाय
शुक्र गृह प्रायः सौन्दर्य, भोग-विलास, स्त्री सुख, मकान, वाहन, सुख, ये अगर अच्छा हो तो व्यक्ति समाज में लोगो को सहजता से अपनी और आकर्षित कर लेता है और अगर इसकी दशा खराब हे तो व्यक्ति को बिना किसी बीमारी के अंगूठे और त्वचा संबंधी रोग होना, राजनीतिक क्षेत्र में पराजय, प्रेम व दांपत्य संबंधों में अलगाव, मनमुटाव, जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर तनाव आदि समस्याएं हैं।
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शुक्र ग्रह के दोष के १० उपाय
1- माता महालक्ष्मी की आराधना करें।
2- नित्य एक माला लक्ष्मी माता के मंत्र का जाप करें।
3- माता लक्ष्मी को कमल के पुष्प की माला अर्पित करें।
4- लक्ष्मी जी के मंदिर में गाय के घी का दान करें।
5- 2 किलो आलू में हल्दिया केशर लगाकर गाय को खिलाएं।
6- चांदी या मिट्टी के बर्तन में शहद भर के घर की छत पर कही दबा दें।
7- शुक्रवार के दिन मंदिर में कांसे के बर्तन का दान करें।
8- लाल रंग की गाय की सेवा करें।
9- 800 ग्राम जिमीकंद किसी मंदिर में दान करें।
10- आडू की गुठली में सुरमा भरकर किसी घास वाले स्थान में दबा दें।
शनि ग्रह के दोष - शांति के उपाय उपाय
शनि सूर्य के पुत्र हैं। ये भाग्य के करक भी हैं। ये रंक को राजा और राजा को रंक बना सकते हैं। इसकी स्थति अगर अच्छी और शुभ है तो व्यक्ति अपने जीवन में सब कुछ प्राप्त कर लेता है अगर खराब है तो व्यक्ति की पैतृक संपत्ति की हानि होना, हमेशा बीमार रहना, मुकद्दमों के कारण परेशानी, धन की हानि, बनते हुए काम बिगड़ जाना, भाग्योदय में देरी होना जैसी समस्याएं होती हैं।
शनि ग्रह के दोष के १० उपाय
1- भगवान भैरव की उपासना करें।
2- भगवान शिव की उपासना करें।
3- बजरंगबली की उपासना करें।
4- शनिवार को बजरंगबली को तेल चढ़ाये।
5- सनी देव का 1 किलो तेल से अभिषेक करें।
6- शनि मंत्रों का जाप करें।
7- सांप और कौओ को दूध चावल खिलाएं।
8- किसी बर्तन में तेल भरकर अपना चेहरा देखें और उस बर्तन को मिट्टी में दबा दें।
9- शनिवार को 800 ग्राम दूध और उड़द बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
10- नेत्रहीन और गरीब लोगों को भोजन कराएं और वस्त्रदान दें।
राहु शनि का ही छाया गृह है, अगर इसकी स्थति शुभ हो तो ये व्यक्ति को बड़े राजनितिक पद पर पंहुचा देता है या व्यक्ति कोई बहुत बड़ा कवि होता है। अगर ये खराब हो या महादशा में हो तो हर तरह के व्यापार में घाटा, बहुत जल्दी हर काम से स्थानांतरण होना, कहीं भी न टिक पाना, अचानक दुर्घटना, लड़ाई-झगड़े की आशंका, मोटापे से परेशानी, पेट में समस्या, गैस वगेरा की समस्याएँ पैदा होती हैं।
राहु ग्रह दोष के १० उपाय
1- माता सरस्वती की आराधना करें।
2- ॐ ऐं सरस्वतयै नमः मंत्र का जाप करें।
3- तांबे के बर्तन में गुड़ गेहूँ भरकर जल में प्रवाहित करें।
4- अपनी माता से मधुर संबंध रखें उनकी सेवा करें।
5- 400 ग्राम बादाम धनिया जल में प्रवाहित करें।
6- घर की दहलीज के नीचे चांदी का पत्ता लगाएं।
7- सीढ़ियों के नीचे कभी भी रसोई घर का निर्माण ना कराएं।
8- रात में पत्नी के सिरहाने 5 मूली रखें और सुबह दान दे दें।
9- चांदी की गोली हमेशा जेब में रखो।
10- लोगों को खूब मांस मदिरा खिलाएं पिलाएं।
केतु ग्रह दोष - शांति के उपाय
ये मंगल का छाया गृह हे , राहु और केतु जब एक साथ होते हे तो अक्सर व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग का निर्मल करते हैं। इसके खराब होने से बुरी संगत के कारण धन की हानि, संतान का भाग्योदय ना होना, स्वास्थ्य के कारण तनाव, जोड़ों के दर्द से परेशानी होन आदि समस्याएं उतपन्न होती हैं।
केतु ग्रह दोष के १० उपाय
1- भगवान गणेश की आराधना करें।
2- ओम गं गणपतए नमः मंत्र का जाप करें।
3- कुंवारी कन्याओं का पूजन करें।
4- अपनी पत्नी का सम्मान करें।
5- अपने घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ तांबे की कील लगाएं।
6- पीले कपड़े में सोना, गेंहू बांधकर पुरोहित को दान दें।
7- दूध चावल मसूर की दाल का दान करें।
8- बाएं हाथ की उंगली में सोना पहने।
9- काले और सफेद तिल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
10- 45 दिन तक मंदिर में केला दान करें।
व्यक्ति के जीवन में होने वाली हर उथल पुथल का कारन ये नवग्रह ही हैं। हमें हर हाल में इनके इस कुचक्र से गुज़रना ही पड़ेगा। इसीलिए जब भी इनकी कुदृष्टि, नवग्रह दोष आप पर पड़े तो ये नवग्रह शांति के उपाय आप ज़रूर करें, ताकि आप के जीवन पे कभी भी सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु के दुष्प्रभाव न पड़े।
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