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Saturday, July 30, 2016

Yagya Vidhi - Hindu Havan Mantras In Hindi

Priya pathako isse pehale bhi me apko denik hawan kese kare me hawan ki short cut vidhi bata chuka hu par jisake ghar me kuchh jyada hi upadrav hote ho ya koi sampurn vedik riti se hawan karna chahta h to usake liye is post me Hawan karne Ki Puri Vidhi. Hindu Hwan Mantras. Yagya Aahuti Mantra. batay he

Jisake jariye wo kar sakta he.yagya se ham devtao ko bhog dete he jisse hame unaki kripa bhut jald milane lagati he. koi bhi sadhana hawan ke bager puri nahi ho sakti.har vyakti ko apne ghar par kam se kam sal me 1 bar havan avashya hi karna chahiye.

Hawan Kese Karenge - हवन की व्यवस्था

Havan kund ke charo or haldi, aate, roli, se chauk purni chahiye. kund ke ishan kon me kalash ki sthapana karni chahiye. kalash par aam ke patto ka upyog kar ke kalash ke dhakkan me chawal gehu v koi manglik dravya rakhe. kalash ke charo or kumkum ya haldi se swastik ke chinh ankit kar de.
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Hawan Samagri List-हवन सामग्री लिस्ट

Shudh jal, Gangajal, Kesar, Chandan, Akshat, Kumkum, Pushp, Belpatra, Pushp mala, Dhoop, Doodh, Dahi, Ghee, Chini, Shehad, Gulabjal, Ganne ka ras, Nariyal, Jal, Itra.
Rakt Sutra ( Kalava ), Yagyopavit (Janeu), Abir, Gulal, Sindoor, Bhasm.
Agarbatti, Dhoop, Guggal, Kapur, Batasha, Pede, Laddu. Nariyal, Ber, Anar, Kela, Seb Aadi.
(Aur hawan samagree ke liye sirf ghee aur til isake aadhe jau isaki aadhi shakkar iska adha ghee.)
Isake bad yagya me bethane wale logo par devtao par pile pushp aur pile akshat ki varsha nimn swastivachan mantro se kare.
Trishakti,Siyar-Singhi,Hatha-Jodi,Moti-Munga-Sfatik-Rudraksh-Mala.
// ओम स्वस्तिनोइन्द्रो वर्दध्शृवाः स्वस्ति न पूषा विश्व वेदाः //

// ओम पयः पर्थिव्यामं पयओवधीषु पयो दिव्यन्तरिक्शे पयोधाः पयस्वतीः पर्दिशःसन्तु मह्मयम् //

// ओम अग्निर्दैवता वायोद्ेवता सूर्योदेवता चन्दर्मा देवता वसवो देवता रूद्रा देवता आदित्या देवता मारूतो देवता विश्वेदेवा देवता बर्हस्पतिर्देवतेन्दरो देवता वरूणो देवता //

// ओम भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवा भद्रं पशयेमाक्शभिर्यजत्राः सि्थरैरड़गैस्तुष्टवा (गूं) सस्तनूभिर्तयरोम हि देवहिम यदायुः //

//ओम घौ अंतरिक्श (गूं) शांतिः पृथिवी शांतिरापः शांतिरोशघयः शांति/ वनस्पतयः शांतिर्विश्वे देवाः शांतिर्बर्म शांतिः सर्व (गूं) शांतिः शांतिरेव शांतिः सा मा शांतिरेधि//

// विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परा सुव / यद् भद्रं तन्नोआसुव//

// इमा रूद्राय तवसे कपर्दिने क्शयद्धिराय पर्भरामहे मतीः / यथा समसद्दधिपते चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे असि्मन्नातुरम्//

// एतन्ते देव यवितर्यग्यं प्राहुर्बर्हस्पतये बराह्मणे / तेन यग्यामव तेन यग्यपतिं तेन मामव //

// मनो जूतिर्जुष्तामंजस्य बर्हस्पतिर्यग्यमिमं त्वनो त्वारिष्टं यग्य (गूं) समिमं दधातु //  /विश्वेदेवास इह मादयन्तामोउम् परा्तिष्ठ/
// एव वै परातिष्ठा नाम यग्यो यग्यैतेन यग्येन यग्यन्ते/सर्वमेव परा्तिष्ठितं भवति.

Chandan, Bhasm, Tilak Dharan Mantra

// कांति लक्शमीं घृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं
मम्/ ददातु चंदन नित्यं सततं धारयाम्यहम//

Yagyopavit Dharan Mantra-यज्ञोपवीत मंत्र

// ओम यग्योपवितं परमं पवित्रं पर्जापतिरि्सत्सहजं पुरस्तात् आयुष्यमग्रयं पर्तिमुंञ्य शुभ्रं यग्योपवितं
    बलमस्तु तेजः //

Purana Yagyopavit Utare Is Mantra Se

// ओम ऐतावद् दिनपर्यंतं ब्रमहत्वं धारितं मया / जीर्णत्वान्ते परित्यागे गच्छ सूत्र यथासुखम् //

Ab Hath Me Jal Lekar Sankalp Le-संकल्प लें

// ओम विष्णुर्विष्णुः शरीमद्भग्वतो महापुरूषस्य विष्णोराग्या पर्वर्तमानस्य अथ श्री ब्राहमणः दितीय परार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टार्विशतितमे कलियुगे कलिपरथम चरणे जम्बुद्धिपे भारतवर्षे, "अमुक छेत्रे", "अमुक नगरे", "अमुक नाम संवत", "अमुक मासे", "अमुक पक्शे", "अमुक पुन्य तिथै", "अमुक वासरे", सर्वेशु गृहेशु, यथायथं राशिस्थानसि्थतेषु, "अमुक नाम", "अमुक गौत्रोत्पन्ने", "अमुक देवता", प्रीत्यर्थो यथा ग्यानं, यथा मिलितोपचारै, पूजनं करिष्ये, तद्गत्वेन हवि कर्म च करिष्ये //

Kalash Sthapana-कलश स्थापना

jal tatha kumkum se yantra banakar nimn mantra bolakar kalash sthapana dev ke dahini or kare...

  // ओम आधारशक्तिभ्यो नमः //

*daily puja kese ki jati he usaki vidhi

*malao ki visheshta aur vibhinn prakar 

Kalash par kumkum, ghee, kesar se swastik ka chinh banakar 9 bindiya lagae.
kalash ke andar ek rupiya tatha ek supari dale. kalash ke upar lal vastra lapet kar nariyal rakhe aur us par abir gulal chada kar kalash ke andar jal dale fir hath jodkar prarthana kare.

Kalash Prarthana  Kare-कलश प्रार्थना

// सरिता सागरः सकलस्तीर्थानि जलदा नदाआयान्तु यजमानस्य दुरितक्शयकारिकाः
कलसस्य मुखे विष्णुः कण्ठे रूद्रः समाषिृतः
मुले तत्र सि्थतो बृह्मा मध्ये मातृगणाः स्मृताः
कुक्शौ तु सागरःसर्वैः सप्तधिपा वसुन्धरा
रिग्वेदोउच य यजुर्वेदः सामवेदो हृथर्वणः
अंगैश्च सहिताः सर्वैः कलशं तु समाषिृतः
देवदानव संवादे मध्यमाने महौदधौ
अत्पन्नोउसि तदा कुंभ विघृतो विष्णुना स्वयम
त्वतोय सर्व तीर्थाणी देवाः सर्वे त्वयि सि्थिताः //

Yahmantra bolkar akshat ko kalash ke upar chhod de tatha gandhakshat pushp se kalash ki puja   karke kalash ke upar hath rakhakar varun mantra bole.

//ओम वरूणस्योतम्भमनसि वरूणस्य स्कम्भ सर्जनीस्थो वरूणस्य रित् सदन्यायि वरूणस्य रित सदनमसि वरूणस्य रित सदनमासीद //
// ओम भुर्भुवः स्वः अस्मिनकलशे वरूणं साड्गं सपरिवारं सामुधं सशकि्तकम् आवाहयामि, पुजयामि सर्वोपचार्थे गंधाक्शत् पुष्पाणि समर्पयामि //

*kali ji ki uttpatti yudh katha full story

*mata mahakali pujan vidhi vidhan

Gandhakshat pushp jal me dalkar tirtho ka avahan kare.

// गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति नर्मदे       सिंधु कावेरि जलोउसि्म्न सनि्नधिं कुरु //

Kalas Prarthana Kare-कलश प्रार्थना

// देव दानव संवादे मध्यमाने महौदधौ /
उत्पन्नोउसि तदा कुंभ विधृतो विष्णुना स्वयम् //
त्वतोये सर्वतीर्थानि देवाः सर्वे त्वयि सि्थिताः /
त्वयि तिष्ठन्ति भूतानि त्वयि प्राणाः प्रतिष्ठिताः //
ऑदित्या वसवो रूद्रा विश्वदेवाः सपैतृकाः/
त्वयि तिष्ठंति सर्वेउपि यतः कामफलपर्दाः
त्वतप्रसादादिमां पूजां कर्तुमीहे जलोद्भव/
सन्निध्यं कुरु मे देव पृसन्नो भव सर्वदा //
पृसन्नो भव! वरदो भव! अन्यथा पूजया वरूणाधावाहिता देवता प्रियतां न मम् //

*dhan pane ke bhinn bhinn prakar ke achuk upay

*daridrata kenivaran hetu dhan agaman ke upay

Isake bad ek ghee ka deepak jalakar dev kev ke dakshin bhag me rakhe tatha ek til ke tel ka deepak jalakar dev ke vam bhag me rakhe aur dhoop ityadi jalakar devta ke vam bhag me rakhe athava samne rakhe aur usaka pujan kare.

Agar aap ka koi guru he to usaka dhyan pujan kare ya shiv ko dhyan kare bas usake bad sarvapratham ganesh pujan kare.

Pehale Ganesh Pujan Kare-गणेश पूजन करें

  Apane hath m aksht,pushp,kumkum lekar hath jodkar manglkamna kare.

Pehale Ganesh Ji Ka Dhyan Kare-गणेश जी का ध्यान

// ओम गजानां त्वा गणपति (गूं) हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपति (गूं) हवामहे निधिनां त्वा निधिपति (गूं) हवामहे वसो मम् / अावाहयामि गर्भधमा त्वमजासि गर्भदम्
/ ओम गं गणपतये नमः ध्यानम समर्पयामि/

Ab Ganesh Ji Ka Awahan Kare-गणेश आवाहन

// हे हेरम्ब ! त्वमेह्मोहि अंबिकात्रयंबिकात्मज/सिधि्बुधि्पते तृयक्श
लक्शलाभपितुः पितः // ओम गं गणपतये नमः ऑवाहयामि स्थापयामि पूजयाममि //

Ganesh Ji Se Kshama Yachana Kare-क्षमा मांगे

 //विनायक वरं देहि महात्मन मोदकप्रियम्/

अविघ्नम् कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा //

Ab Ganesh Ji KoVisheshardhya Arpit Kare 

Ardhya patra me jal, chandan, pushp, akshat, durva, shri fal adi dravya lekar bhagvan ke daye hath me de.

//  निर्विघ्नमस्तु निर्विघ्नमस्तु     निर्विघ्नमस्तु ! ओम् तद् सद् ब्रामणपणमस्तु ! अनेन कृतेन सिधि्बुधि्सहितः शरी गणाधिपतिः प्रियंताम्

Ab Nimn Shlok Padakar Bhagwan Shiva Ka Awahan Pujan Kare-शिवका आवाहन करें 

//ध्यायेन्नित्यम महेशं रजतगिरिनिशं चारु चंद्रावंतसं, रत्नाकल्पोज्वलांद्ड परशुमृग वरामिति हस्तं पर्सन्नम्

पद्मासीनं समन्तात् स्तुतमम्रगणैन्याघृकृतिं वसानं, विश्वाघं विश्वन्धं निखिल भयहरं पंञ्चवक्त्रम् त्रिनेत्रम् /
ओम श्री उमामहेश्वराभ्यां नमः ऑवाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि //

Ab In Shloko Ko Pad Kar Mata Laxmi Ka Awahan Pujan Kare-लक्ष्मी पूजन करें

// पद्मासनाम् पद्मकराम् पद्ममालाविभूषिताम् /
क्शीरसागर संभूतां हेमवर्ण समप्रभाम् //
क्शीरवर्णसंम वस्तरं दधानां हरिवल्लभाम्/
भावेय शक्तियोगेन् भार्गवीं कमलां शुभम् //
सर्वमंगलमांगल्ये विष्णुवक्शः स्थालालये /
ऑवाहयामि देवि त्वां क्शीरसागरसंभवे //
पद्मासने पद्मंकरे सर्वलोकेकपूजिते /
नारायणप्रिये देवि सुप्रिता भव सर्वदा //
श्री लक्शमी दैव्यै नमः ऑवाहयामि स्थापयामि पूजयामि //

Ab Shri Bhagwati Durga Ji Ka Awahan Pujan Kare Ye Shlok Padakar-दुर्गा पूजन

// दुर्गे स्मृता भितिमशेष जन्तोः, सि्थितैः स्मृता मतिमतिम् शुभाम् ददासि /
दारिद्रय दुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकारणाय सदाद्रचित्ता //
ओम श्री दुर्गाय नमः ऑवाहयामि स्थापयामि पूजयामि //

Ab Sanshipt Me Navgrah Pujan Kare-नवग्रह पूजन

Nav grah pujan ke liye 9 ya 5 prakar ke anaj, nav grah lakdi athawa navgrah yantra par pujan kare.

// ब्रह्मामुरारि स्त्रिपुरांतकरि भानुः शशिः भुमिसुतोबुध्श्च / गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतवेः सर्वे गृहः शांतिकरा भवंतु //

Ab Shodash Matraka Awahan Pujan Ye Shlok Bolkar Kare-षोडश मात्रका पूजन

गौरी पद्मा शची मेघा सावित्री विजया जया देवसेना स्वाहा स्वधा मातरे लोकमातरः //
घृतिः पुष्टिः तथा तुष्टिरात्मनः कुलदेवता /
गणेशेनाधिका धो्ता वृद्धौ पूज्याश्च षोडषः
ओम शरी षोडष मातृकाभ्यो नमः ऑवाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि //

Ab Sapt Matraka Pujan Awahan Kare-सप्त मातृका  पूजन

// कीर्तिलक्शमीघुति मेघा सिद्धी प्रग्या सरस्वती / मांगलेशु पर्पुज्या च सप्तैता दिव्य मातरः // ओम श्री सप्तमात्रकाभ्यो नमः ऑवाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि //

Ab In Shloko Ke Dhwara Bairav Ji Ka Awahan Pujan Kare-भैरव पूजन

// ओम यो भूतानामधिपतिर्यस्म्नं लोका अधिश्रिताः / यउशे महाते महास्तेन गृहणामि त्वामहं मयि गृहणमि त्वामहम् //

ओम तीक्शणदंष्ट्र महाकाय कल्पान्त दहनोपम / भैरवाय नमस्तुभ्यमनुग्यां दातुर्महति // ओम भं भैरवाय नमः ऑवाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि //

Ab Sarvdev Namaskar Kare-सर्वदेव नमस्कार

ओम सिद्धी बुद्धि सहिताय श्रीमन् महागणपतये नमः ! ओम गुरूभ्यो नमः !
ओम लक्शमीनारायणाभ्यां नमः ! ओम उमा महेश्वराभ्यां नमः ! ओम वाणी हृर्न्यगर्भाभ्यां नमः ! ओम शची पुरंदराभ्यां नमः ! ओम मातृ पितृ चरणकमलेभ्यो नमः ! ओम कुलदेवताभ्यो नमः !ओम इष्टदेवताभ्यो नमः ! ओम ग्राम देवताभ्यो नमः ! ओम स्थानदेवताभ्यो नमः ! ओम सर्वेभ्ये बृराम्णेभ्यो नमः ! ओम सर्वेभ्यो तीर्थेभ्यो नमः ! ओम सर्वेभ्यो देवशक्तिभ्यो नमः ! ओम सर्वेभ्यो ऑदित्येभ्यो नमः ! ओम सर्वाभ्यो मातृशक्तिभ्यो नमः !

Origanal Siyar Singhi Hatha Jodi Ki Pehachan

Navgraho Ki Shanti Ke Liye Puja Kaise Kare

Yagya Arambh Kese Kare

Agni Sthapana Aag Jlaye-अग्नि स्थापना

Ek chammach kapoor athawa rui ki bati ko kapoor lagakar nimnlikhit mantrocchar karte hue hawan kund me agni prajwallit kare..

// त्वामिदः सर्व भूतानां संसाराणवतारकाः/
परमज्योतिस्वरूपस्वत्वमासनं सफलीकुरु//
वैश्वानर नमस्तेअस्तु नमस्ते हव्यवाहन /
स्वागतं ते सुरश्रेष्ठ शांति कुरु नमोस्तु ते//

ओम अगन्ये नमः ! अग्निम् ऑवाहयामि, स्थापयामि, पुजयामि, गंधाक्शत, पुष्पाणि, धूपं, दीपं, नैवैधं समर्पयामि //

अग्नि प्रदीपन मंतर

// ओम अं अगन्ये उर्ध्वमुखी भव /
// ओम अं अगन्ये चैतन्यो भव //

Samidha Dhanam-समिधा धान

Yagya me samidha ke liye ap 4 chhoti lakadiyo ko kalawa bandh kar apne pas rakhe aur nimn mantra padate hue ghee me dubokar havan kund me dale.

1-// ओम अयंत इध्म आत्मा जातवेदस्तेनेध्यस्व वर्धस्व / चैध वर्धय चास्मान पृजया पशुभिबृम्हवर्चसे नाना्धेन समेधय स्वाहा/ इद्म अगन्ये जातवेदसे इदं न मम् //

2-// ओम समिधाग्निम् दुवस्यत् घृतैर्बोधयतायिम् / अस्मिन हव्या जुहोतेन स्वाहा / इदमग्नये जातवेदसे इदं न मम् //

3-// ओम सुसमिद्धाय शोचिते घृतं तीव्र जुहेतेन / अगन्ये जात्वेदसे स्वाहा / इदमग्ने जीतवेदसे इदं न मम् //

4-// ओम तं त्वा समद्धिभिरंगिरो घृतेन वर्धयामि वृच्छोवा यविष्ठय स्वाहा / इदमग्ने अंगिरसे इदं न मम् //

Yagya Ahuti Mantra In Hindi - यज्ञ आहुति मंत्र हिंदी में

Ab Nimn Vedik Mantra Bolte Hue Ghee Se Ahuti Pradan Kare (Ajyahuti Mantra )

// ओम पर्जापत्ये स्वाहा / इदं पर्जापत्यै इदं न मम् //
// ओम ईन्दराय स्वाहा / इदं इंद्राय इदं न मम् //
// ओम अगन्ये स्वाहा / इदं अगन्ये इदं न मम् //
// ओम सोमाय स्वाहा / इदं सोमाय इदं न मम् //
// ओम भूः स्वाहा / इदं अग्नये इदं न मम् //
// ओम भुवः स्वाहा / इदं वायवे इदं न मम् //
// ओम स्वः स्वाहा / इदं सूर्याय इदं न मम्/

Ab Hawan Samagri Ke Dhwara Nimn Mantro Se Agni Me Ahuti De. आहुति दें

// ओम विष्णवे स्वाहा / इदं विष्णवे इदं न मम् //
// ओम शंभवे स्वाहा/इदं शंभवे इदं न मम् //
// ओम लक्शम्यै स्वाहा / इदं लक्श्म्ये इदं न मम् //
// ओम सरस्वत्यै स्वाहा / इदं सरस्वत्यै इदं न मम् //
// ओम भूम्यै स्वाहा / इदं भूम्ये इदं न मम् //
// ओम् सूर्याय स्वाहा / इदं सूर्याय इदं न मम् //
// ओम चंद्रमसे स्वाहा / इदं चंद्रमसे इदं न मम् //
// ओम् भौमाय स्वाहा / इदं भौमाय इदं न मम् //
// ओम् बुधा्य स्वाहा/इदं बुधाय इदं न मम्//
// ओम बृहस्पतिये स्वाहा / इदं बृहस्पतये इदम न मम् //
// ओम शुक्राय स्वाहा / इदं शुक्राय इदं न मम् //
// ओम शनैश्चरायै स्वाहा / इदं शनैश्चराये इदं न मम् //
// ओम् भैरवाय नमः स्वाहा / इदं भैरवाय इदं न मम् //
// ओम् राहवे स्वाहा / इदं राहवे इदं न मम्//
// ओम् केतवे स्वाहा / इदं केतवे इदं न मम्//
// ओम् उग्राय स्वाहा / इदं उग्राय इदं न मम् //
// ओम् शत्कृव् स्वाहा / इदं शतकृव् इदं न मम् //
// ओम् वरूणाय स्वाहा / इदं वरूणाय इदं न मम् //
// ओम् पितृभ्यो नमः स्वाहा / इदं पितृभ्यो इदं न मम् //
// ओम् गंधर्वेभ्यो नमः स्वाहा / इदं गंधर्वेभ्यो इदं न मम् //
// ओम् यक्शेभ्यो नमः स्वाहा / इदम् यक्शेभ्यो इदं न मम //
// ओम नागेभ्यो नमः स्वाहा / इदं नागेभ्यो इदं न मम् //
// ओम् पिशाचैभ्यो नमः स्वाहा / इदं पिशाचेभ्यो इदं न मम् //
// ओम् राक्शसेभ्यो नमः स्वाहा / इदं राक्शसेभ्यो इदं न मम् //
// ओम् स्थान देवताभ्यो नमः स्वाहा //
// ओम् कुल देवताभ्यो नमः स्वाहा //
// ओम् ग्राम देवताभ्यो नमः स्वाहा //
// ओम् दश दिक्पालेभ्यो नमः स्वाहा //
//ओम् सर्वेभ्यो देवशक्तिभ्यो नमः स्वाहा/
//ओम् सर्वेभ्यो देवपुरूशेभ्यो नमः स्वाहा/
//ओम् सर्वेभ्यो महापराणेभ्यो नमः स्वाहा/
//ओम सर्वेभ्यो ऑदित्येभ्यो नमः स्वाहा/
// ओम सर्वेभ्यो मात्रशक्तिभ्यो नमः स्वाहा //
// ओम सर्वेभ्यो तीर्थेभ्यो नमः स्वाहा //
// ओम सर्वेभ्यो महाशक्तिभ्यो नमः स्वाहा //

Ab Nimn Mantro Ki Kam Se Kam 5 Ahuti De

// ओम तृयंबकम् यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्शीय मामृतात् //

// ओम भुर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वर्णेयम् भर्गो देवस्य धिमहि धियोयोनः पृचोदयात् //

// ओम मंगलम् भगवान् विश्णु मंगलम गरुणद्धवजा मंगलम पुण्डरी काक्शं मंगलाय तनो हरि//


Ab isake bad agar apko kisi vishisht mantra ki ahuti deni h to aap de sakte h 108 ya 1008 bar ya
Ghar Se Ruthe Hue Vyakti Ko Wapis Kese Bulay

Ghar Pariwar Me Sukh Shanti Ke Liye Kya Kare

Durga Ji Ke 32 Namo Ki Ahuti Safed Til Se De-दुर्गा जी के 32 नाम

// om hreem dum durgay namah //

// om jagdambike durgay namah//

// om dum durge durgatinashay dum om fat swaha //

Ab Durga Ji Ke 32 Namo Ki Ahuti De. 

1- durga          2- durgartishamani
3- durgapadyanivarini 4- durgsadhini
5- durgmachhedani   6- durgnashini
7- durgmatodharini 8- durgnihantri
9- durgmapaha  10- durgmagyanada
11- durgdetyalokdawanala
12 - durgama    13 - durgamaloka
14 - durgmatmswarupini
15- durgmargprada 16- durgamvidya
17- durgmashrita   18- durgmoha
19 - durgmgyansansthana
20 - durgmadhyanbhasini
21 - durgmarthswarupini
22 - durgmasursanhantri
23 - durgmayudhdharini
24- durgmaga  25 - durgmangadi
26 - durgmata    27- durgamya
28- durgmeshwari 29- durgbhima
30- durgbhama    31- durgabha
32 - durgdarini

Ab bachi hui samast hawan samagri ko ekatra kar ke hawan me dale purnahuti ke liye ye mantra bhi pade.

// ओम पूर्णमिदः पूर्णमिदं पूर्णाति पूर्णमुदच्यते /
पूर्णस्य पूर्णमादय पूर्णमेवावशिष्यते //

// ओम पूर्णादर्वि परापत सुपुर्णा पुनरापत /
वस्नेय विक्रिणा वहा इषभूर्ज(गूं)शतक्रवो स्वाहा/
ओम् सरवे वे पूर्ण (गूं) स्वाहा //

Ab ek patra me ghee lekar usaki ek avichinn dhara ko hawan kund me girate hue nimnlikhit shlok bole.

// ओम वसो पवित्रमसि सत्धारं वसोः पवित्रमसि सहसर्धारम्/
देवस्त्वा सविता पुनातु वसोः पवित्रेण शत्धारेण सुप्वा कामधुक्शः स्वाहा //

( isake bad hawan aarti ya apne isht ki aarati kare )

Ab bhasm dharan kare hawan kund ke charo or se rakh lekar apne mastak hriday aur ango par tilak kare.

// ओम तृयंबकं यजामहे सुगंधिमं पुषटि वरिधनम् उर्वारूकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्शीय मामृतात् //

Yagya ki jo vidhi yaha prastut ki gayi he ye atyant hi durlabh aur prabhawshali he. havan yagya ki ye vidhi mere adarniy gurudev ne mujhe di thi jo mene aj apke samne prastut ki he. ise swayam mene kiya bhi he isame hindi shabdo me kahi koi problam ho to aap mujhe comment kare jald hi me apko answer dunga ya kuch puchana ho to puch sakte he nisankoch.

7 comments:

  1. Aap in mantro ko agar lyrics ke sath audio provide kar sake to aapki ati krpa ho

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  2. apka swagat shisir ji mere blog par me audio hi nhi full vidio aplod karunga bas thoda wet kare kyoki mujhe tcnologi ka itna gyan nhi h jitna sikhta hu utna behtar krta jata hu is blog ko me abhi bidio aditing ko samajh rha hu aap visit karte rhe ya hme subcribe kar le bhut jald apko vidio aur audio dono sahi uccharan ke sath me provide karunga

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  3. Alag Alag uddeshyon ke liye havan mantra v batayen jese ki mata pita ke swasthya ke liye havan ,kisi pareshani ko door krne;mangalkamna ke liye

    Koti koti dhanya baad jo mantra apne bhent kiye atimahatvpurna......

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  4. is hawan se bhi sabhi anisht door hote he. aap koi bhi vishisht sadhna kare y hawan to krna hi he agr koi vishisht mntr he to us mntr kilast me aahutiya deni hoti he.

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  5. Sharma ji.kirpa.kare.hanumanji.ka.hawen.kase.kare.bataane.ki.kirpa.kare.sewek.aap.ka.daas.rahega

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  6. hawan ki vidhi pr mene do post likhi he aap dekh lijie. hawan ke last me aap hanuman ji ke mantro ki aahuti de.

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